'' वक्त गुजर जाता है ''
वक्त गुजर जाता है,
हर दिन समाप्त होने पर,
स्मृति बन जाता है,
ढूनती हु खुसियों को उन पलों मे,
क्यों कि अच्छी लगती है,
यादों के सहारे जीने मे।
क्या खोया क्या पाया हुमने,
अतीत ये दिखलाती है,
कुछ लम्हे जिंदगी भर,
खास बनकर रह जाती है,
व्यक्त गुजर जाता है।
कैसी ये अजीब दास्तान है,
हर जख्म समय के साथ भर जाता है,
हम चाहे न चाहे पर,
मौसम की तरह सब बदल जाता है,
वक्त गुजर जाता है ।
कितने भी हो दर्द,
कितनी भी हो मुसकीले,
यह वक्त ही तो है ,
जो इंसान को आगे बढ़ना सिखा देता है,
वक्त गुजर जाता है।
पि. टी दत्ता .................
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